भारत में रसोई गैस यानी एलपीजी गैस की कीमतें हर महीने तय की जाती हैं। यह कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और अन्य आर्थिक कारणों पर निर्भर करती हैं। अक्टूबर 2025 में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत के साथ एलपीजी सिलेंडर की नई कीमतें घोषित की गई हैं।
अब 14.2 किलोग्राम घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹853 तय की गई है। वहीं कमर्शियल यानी व्यावसायिक उपयोग के लिए 19 किलोग्राम सिलेंडर का भाव ₹1,665 तय हुआ है। इससे आम लोगों और छोटे व्यापारियों, दोनों को थोड़ी राहत मिली है।
एलपीजी गैस की कीमतों में यह बदलाव सरकार और तेल कंपनियों के निर्णयों से जुड़ा है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटते हैं तो घरेलू स्तर पर भी एलपीजी के दामों में कमी देखने को मिलती है। वहीं, जरूरत पड़ने पर सरकार थोड़ी राहत देने के लिए सब्सिडी योजनाएं भी लागू करती है।
LPG Gas Price
एलपीजी यानी लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस एक स्वच्छ ईंधन है जो खाना बनाने के लिए सबसे आम रूप से इस्तेमाल होता है। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लकड़ी या कोयला जलाकर खाना पकाते थे, जिससे प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती थीं।
सरकार ने एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिससे हर घर में स्वच्छ ईंधन पहुंचे और महिलाएं धुएं से होने वाली परेशानियों से बच सकें। यही कारण है कि एलपीजी को “घर की ज़रूरत” कहा जाने लगा है।
नई कीमतों का प्रभाव
₹853 में मिलने वाला 14.2 किलोग्राम घरेलू एलपीजी सिलेंडर अब पहले से किफायती है। पहले यह कीमत कुछ जगहों में ₹900 से अधिक थी। अब कीमतों में कमी से रसोई पर थोड़ा खर्च कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी।
वहीं, होटल, रेस्टोरेंट, कैंटीन जैसे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को मिलने वाला कमर्शियल सिलेंडर ₹1,665 पर मिल रहा है, जिससे छोटे व्यापारियों को भी कुछ आर्थिक लाभ हुआ है। खासकर वे व्यवसाय जिनका खर्च गैस पर काफी निर्भर करता है, अब अपने खर्च को थोड़ा नियंत्रित कर पाएंगे।
सरकार की योजना: उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इसका लक्ष्य था कि हर घर में स्वच्छ ईंधन पहुंचे और स्वास्थ्य तथा पर्यावरण दोनों की रक्षा हो।
इस योजना के अंतर्गत अब भी पात्र परिवारों को सिलेंडर पर सब्सिडी दी जाती है। उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को सरकार प्रति सिलेंडर ₹300 तक की सब्सिडी दे रही है। इसका मतलब है कि जिन लोगों के पास यह योजना है, उन्हें वास्तविक कीमत से कम पैसे चुकाने पड़ते हैं।
सब्सिडी और गैर-सब्सिडी गैस सिलेंडर
भारत में दो प्रकार के एलपीजी सिलेंडर प्रचलित हैं — सब्सिडी वाला और गैर-सब्सिडी वाला। सब्सिडी वाले सिलेंडर का लाभ मुख्य रूप से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों या निर्धन परिवारों को मिलता है। सामान्य ग्राहकों के लिए गैर-सब्सिडी सिलेंडर की कीमत ही लागू होती है।
इस व्यवस्था से सरकार का उद्देश्य है कि जिनकी आय कम है, उन्हें ईंधन सस्ता मिले। इसके लिए सब्सिडी की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिसे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) प्रणाली कहा जाता है।
कीमतें कैसे तय होती हैं
एलपीजी कीमतें भारत में हर महीने की पहली तारीख को संशोधित की जाती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियां इसका हिसाब अंतरराष्ट्रीय बाजार के दामों और डॉलर विनिमय दर के आधार पर तय करती हैं।
अगर वैश्विक स्तर पर गैस के भाव बढ़ते हैं तो घरेलू कीमतें भी प्रभावित होती हैं। वहीं, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमी आती है तो इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। सरकार समय-समय पर इसमें दखल देकर कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश करती है।
उपभोक्ताओं के लिए सुविधा
एलपीजी उपभोक्ता अब घर बैठे ऑनलाइन या फोन से सिलेंडर बुक कर सकते हैं। हर सिलेंडर पर यूनिक कोड और ट्रैकिंग सुविधा होती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो गई है। साथ ही सरकार ने सुरक्षा नियमों को भी सख्त किया है ताकि गैस रिसाव जैसी घटनाएं कम हों।
अब उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिलेंडर की डिलीवरी पर किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता। साथ ही, कई राज्यों में स्थानीय सरकारें भी रियायतें देकर उपभोक्ताओं का बोझ घटाती हैं।
निष्कर्ष
एलपीजी गैस अब हर घर की जरूरत बन चुकी है और इसकी कीमतों में स्थिरता आम जनता के लिए बड़ी राहत है। ₹853 का घरेलू सिलेंडर और ₹1,665 का व्यावसायिक सिलेंडर तय होकर लोगों को कुछ राहत जरूर देगा। सरकारी योजनाएं जैसे उज्ज्वला योजना और सब्सिडी व्यवस्था यह सुनिश्चित करती हैं कि हर परिवार स्वच्छ, सुरक्षित और सस्ता ईंधन पा सके।